Renatus nova WeWellness Brief Details
1. Mangosteen
मैंगोस्टीन एक ऐसा फल है, जो स्वाद में तो मीठा और खट्टा होता है, लेकिन पोषक तत्वों से भरपूर होता है। यह स्वास्थ्य के लिए इतना फायदेमंद है कि दुनियाभर में इसकी मांग है। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व, फाइबर और एंटी-ऑक्सीडेंट कई प्रकार से स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं। इस फल के सेवन से इम्यूनिटी को तो मजबूती मिलती ही है, साथ ही इसमें कई ऐसे यौगिक मौजूद होते हैं, जो कैंसर, मोटापा और मधुमेह (डायबिटीज) जैसी बीमारियों में काफी लाभदायक हो सकते हैं। आइए जानते हैं इस फल के सेवन से होने वाले फायदों के बारे में...
मैंगोस्टीन का सेवन ब्लड शुगर को नियंत्रित कर सकता है। एक अध्ययन के मुताबिक, इसमें पाया जाने वाला रासायनिक यौगिक एक्सथोन ब्लड शुगर के स्तर को संतुलित बनाए रखता है। इसमें फाइबर की भी अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो ब्लड शुगर को स्थिर करने के साथ डायबिटीज पर शरीर की नियंत्रण क्षमता को बढ़ाता है।

मैंगोस्टीन में विटामिन-सी भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है, जो स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण है। दरअसल, विटामिन-सी एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है और यह प्रतिरक्षा कोशिकाओं को मजबूती देने का काम करते है। इसका रोजाना सेवन फायदेमंद हो सकता है।

मैंगोस्टीन का सेवन मस्तिष्क के लिए भी फायदेमंद होता है। कई अध्ययनों में यह पाया गया है कि मैंगोस्टीन मस्तिष्क की सूजन को कम करता है और मांसपेशियों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। चूहों पर किए गए एक अध्ययन के मुताबिक, यह अवसाद के लक्षणों में भी सुधार करने में सहायक है।

त्वचा संबंधी समस्याओं में भी मैंगोस्टीन का सेवन लाभदायक हो सकता है। कई अध्ययनों में यह साबित हुआ है कि इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण त्वचा को सुरक्षित और स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं। इसलिए आप इस लाभदायक फल का सेवन जरूर करें।
2. Maca Root
माका एक प्रकार का पौधा है, जिसका वैज्ञानिक नाम लेपिडियम मेइन्नी है। इसे पेरुवियन जिन्सेंग के नाम से भी जाना जाता है। यह पौधा पेरू नामक देश के एंडीज पर्वत श्रृखला के लगभग 4000 मीटर के ऊंचाई में पाया जाता है। यह ब्रोकली, गोभी और पत्ता गोभी जैसी ही एक प्रकार की सब्जी है। दक्षिणी अमरीका के देश पेरू में इसका इस्तेमाल सदियों से दवाई के रूप में किया जाता है।
माका की जड़ का इस्तेमाल खाने के लिए किया जाता है। हालांकि यह कई रंग का होता है, अधिकांश रूप से लाल और काले रंग का होता है। माका की जड़ मुख्य रूप से सूखी होता है और इसे पाउडर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा इसका कैप्सूल भी बाजार में मिलता है और यह तरल रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।
माका की जड़ के पाउडर का स्वाद कुछ लोगों को बुरा लग सकता है। बहुत से लोग इसको स्मूदी, ओटमील या किसी मीठी चीज में मिलाकर खाते हैं। हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि माका के बारे में ज्यादा शोध अभी पूरा नहीं हुआ है।
है।
( माका रूट (Maca root) क्या है?
एक क्रूसिफेरस सब्जी माका- जिसके पौधे का मुख्य खाद्य हिस्सा इसकी जड़ होती है, जो कि जमीन के अंदर कंद के रूप में बढ़ता है। माका पौधे में 12 से 20 पत्तियां होती हैं। माका रूट विभिन्न प्रकार के रंग की हो सकती हैं जैसे लाल, बैंगनी, क्रीम, पीला या काला। यह 10 से 14 से.मी. लंबा और 3-5 सेमी चौड़ा हो सकता है। माका ठंडी जलवायु में अच्छी तरह से विकास करता है।)
( माका रूट का इस्तेमाल किस लिए होता है?
( माका रूट पाउडर का उपयोग विभिन्न व्यंजनों में मिलाकर किया जा सकता है। अपने औषधीय गुणों के कारण माका ने अपनी विशेष पहचान बना ली है जो कि यौन स्वास्थ्य (Sexual health) को बढ़ावा देने के लिए उपयोग किया जाता है। माका रूट के और भी कई स्वास्थ्य लाभ हैं।माका रूट के औषधीय गुण और इनसे प्राप्त होने वाले स्वास्थ्य लाभों के बारे में जानिए:
यौन इच्छा को बढ़ाने में
बांझपन (Infertility) को दूर करने
रक्तचाप कम करने में
ऊर्जा और सहनशक्ति को बढ़ाए
मनोदशा को सुधारने में
पुरुष प्रजनन क्षमता को बढ़ाए
रजोनिवृत्ति के लक्षणों को दूर करे
मानसिक स्वास्थ्य के लिए
स्तंभन दोष को दूर करे
सेक्स ड्राइव बढ़ाए
डिप्रेशन को कम करने में
त्वचा के लिए लाभकारी
माका सबसे शक्तिशाली सुरक्षित सुपरफूड माना जाता है। यह कई लोगों के लिए मुख्य आहार होता है। यह ऊर्जा बढ़ाता है और इसमें मौजूद पोषण हड्डियों को मजबूत करते हैं।माका रुट के फायदे अनेक हैंऔर यह जड़ी-बूटी के रूप में भी उपयोग में आता है। )
माका रूट के फायदे - Maca root ke fayde
माका रूट के फायदे पोषक तत्व प्रदान करने में - Maca root ke fayde poshak tatva pradan karne me
माका रूट के पाउडर में कई प्रकार के पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसके अलावा यह विटामिन और खनिज का भी एक बहुत अच्छा स्रोत है।
माका रूट पाउडर कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन का भी बहुत अच्छा स्रोत है। इसके साथ ही साथ इसमें वसा की मात्रा कम होती है और फाइबर की संतुलित मात्रा मौजूद होती है। इसमें फाइबर के साथ-साथ आवश्यक विटामिन, खनिज जैसे कॉपर, आयरन और विटामिन सी मौजूद होते हैं।
28 ग्राम माका रूट पाउडर में निम्न पोषक तत्व मौजूद होते हैं -
91 कैलोरी
20 ग्राम कार्बोहाइड्रेट
4 ग्राम प्रोटीन
2 ग्राम फाइबर और 1 ग्राम फैट
माका रूट के फायदे कामेच्छा बढ़ाने में - Maca root ke fayde kamecha badhane me
कामेच्छा संबंधित समस्या आज वयस्कों में बहुत अधिक देखने को मिलता है। हम सभी जानते हैं कि जड़ी-बूटियां यौन उत्तेजना में मदद करते हैं। ऐसे कई अध्ययन किए गए हैं, जो इस बात की पुष्टी करते हैं कि माका रूट यौन इच्छा बढ़ाने में मदद करती है।
एक अध्ययन में 131 प्रतिभागियों को शामिल किया गया और उन्हें 6 हफ्ते तक माका रूट खाने को दी गयी। 6 महीने के बाद पाय गया कि उन प्रतिभागयियों की कामेच्छा में सुधार आया।
माका रूट के फायदे पुरूषों में प्रजनन क्षमता बढ़ाने में - Maca root ke fayde purusho me prajnan chhamta badhane
जब आप पुरूषों की प्रजजन क्षमता की बात करते हैं, तब शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता दोनों महत्वपूर्ण होते हैं। ऐसे कई तथ्य हैं, जो इस बात की पुष्टी करते हैं कि माक रूट पूरूषों की प्रजजन क्षमता बढ़ाने में मदद करता है। हाल ही में पांच अध्ययनों की समीक्षा की गई, जिसमें इस बात की पुष्टि की गई की माका रूट बांझ और स्वस्थ दोनों व्यक्तियों में वीर्य की मात्रा को बढ़ाता है।
(और पढ़ें - बांझपन के घरेलू उपाय)
एक अध्ययन में कुछ लोगों को 4 महीने तक माका रूट खाने को दी गयी। 4 महीने के बाद इनके शुक्राणुओं की संख्या, मात्रा और गतिशीलता में सुधार देखा गया।
माका रूट के फायदे रजोनिवृत्ति के लक्षणों से राहत दिलाने में - Maca root ke fayde menopause ke lakshan se rahat dilane me
रजोनिवृत्ति में एस्ट्रोजन नामक हार्मोन्स में कमी आती है, जसकी वजह से योनि में सूखापन, अचानक पूरे शरीर में गर्मी महसूस होना, मूड में परिवर्तन, नींद की समस्या और चिड़चिड़ापन जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। चार अध्ययनों की समीक्षा की गई, जिसमें देखा गया माका रूट महिलाओं में रजोनिवृत्ति के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।
इसके अलावा जानवरों पर हुए अध्ययनों से इस बात का पता चला है कि यह हड्डियों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डी से संबंधित एक रोग) का खतरा रजोनिवृत्ति के बाद अधिक रहता है।
माका रूट के फायदे मानसिक स्थिति में सुधार लाने में - Maca root ke fayde mansik sthiti me sudhar lane me
ऐसे कई अध्ययन हैं जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि माका रूट मानसिक स्थिति को बेहतर बनाने में मदद करता है। मानसिक स्थिति में सुधार इसलिए होता है, क्योंकि माका रूट चिंता और अवसाद के लक्षणों को कम करती है, खासकर उन महिलाओं में जिनके पीरियड्स आने बंद हो चुके हैं। माका में फ्लवोनोइड नामक यौगिक मौजूद होता है, जो मानसिक स्तर को बेहतर बनाता है।
माका रूट के फायदे शारीरिक क्षमता बढ़ाने में - Maca root ke fayde sharirik kshamta badhane me
माका रूट पाउडर का इस्तेमाल बॉडी बिल्डर और एथलीट बहुत अधिक करते हैं। लोगों का मानना है कि यह मांसपेशियों के विकास और शारीरिक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। इसके साथ ही साथ यह व्यायाम करने की स्टेमिना को भी बढ़ाने में सहायक है। जानवरों पर हुए अध्ययनों से इस बात का पता चला है कि यह सहनशक्ति बढ़ाने में भी मदद करता है।
(और पढ़ें - स्टेमिना बढ़ाने के उपाय)
एक अन्य अध्ययन में 8 साइकिल चालक को शामिल किया गया। इन साइकिल चालकों ने 14 दिनों तक माका रूट पाउडर का सेवन किया। 14 दिनो बाद इन्होंने अपने शारिरिक ताकत में सुधार महसूस की। हालांकि, वर्तमान में कोई वैज्ञानिक सबुत नहीं है कि यह मांसपेशियों के लिए और ताकत को बढ़ाने में लाभदायक है या नहीं।
माका रूट के फायदे सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाने में - Maca root ke fayde surya ki hanikarak kirno se bachane me
सूर्य से निकलने वाली अल्ट्रावॉयलेट किरणें आपके त्वचा के लिए हानिकारक साबित होती हैं। त्वचा जब अधिक सयम तक अल्ट्रावॉयलेट किरणों के संपर्क में रहता है, तब यह झुर्रियों का कारण बनता है। इसके अलावा अल्ट्रावॉयलेट किरणों की वजह से त्वचा कैंसर का खतरा भी बढ़ता है। ऐसे कई साक्ष्य है जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि माका रूट के रस को त्वचा पर लगा कर, स्किन को अल्ट्रावॉयलेट किरणों से बचाया जा सकता है।
माका रूट में पॉलीफेनॉल नामक एंटीऑक्सीडेंट और ग्लूकोसाइनोलेट्स नामक यौगिक पाए जाते हैं। इन एंटीऑक्सीडेंट और यौगिक में सुरक्षात्मक प्रभाव होते हैं। ध्यान रहे कि माका रूट का रस सनस्क्रीन की जगह नहीं ले सकता है। यह तभी तक आपके त्वचा को सुरक्षित रखता है जब तक इसे आप अपनी त्वचा पर इस्तेमाल करते हैं। लेकिन जब आप माका रूट खाते हैं तब यह किसी भी तरह से आपके त्वचा के लिए लाभदायक नहीं होता है।
माका रूट के फायदे याददाश्त बढ़ाने में - Maca root ke fayde yadasht badhane me
माका रूट आपके दिमाग कि गतिविधियों में सुधार लाता है। पेरू नामक देश में लोग अपने बच्चों के दिमाग और प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए माका रूट खिलाते हैं।
(और पढ़ें - दिमाग तेज करने का नुस्खा)
चूहों पर हुए अध्ययन में इस बात की पुष्टी की गई कि माका रूट सीखने की प्रक्रिया और याददाश्त में सुधार लाता है, क्योंकि चूहों की याददाश्त कमजोर होती है। हालांकि, आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि काला माका रूट अन्य रंग के माका रूट से अधिक फाययदेमंद होता है।
माका रूट के फायदे पौरूष ग्रंथि (प्रोस्टेट) के आकार को कम करने में - Maca root ke fayde paurush granthi ke aakar ko kam karne me
पौरूष ग्रंथि (प्रोस्टेट) पुरूषों में पाया जाने वाला एक ग्रंथि हैं, जो लिंग और मूत्राशय के बीच में स्थित होती है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ प्रोस्टेट बढ़ना बहुत सामान्य है। इस ग्रंथि के बढ़ने पर कई प्रकार की समस्याएं होती हैं जैसे, पेशाब करने में। जिस नली के माध्यम से पेशाब बाहर निकलता है, उस नली को यह ग्रंथि पूरी तरह से घेर लेती है। चूहों पर हुए अध्ययन से इस बात की पुष्टी की गई है कि लाल माका रूट पौरूष ग्रंथि के आकार को छोटा करने में मदद करती है।
(और पढ़ें - यूरिन इन्फेक्शन सिम्पटम्स)
लाल माका रूट में ग्लूकोसाइनोलेट्स नामक यौगिक बहुत अधिक पाए जाते हैं, जो पौरूष ग्रंथि के आकार को छोटा बनाते हैं। इसके अलावा यह प्रोस्टेट कैंसर के खतरा को भी कम करते हैं।
माका रूट के नुकसान - Maca root ke nuksan
माका रूट वैसे तो नुकसानदायक नहीं होता है। लेकिन पेरू देश के लोगों का मानना है कि ताजा माका रूट आपके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इसलिए इसे हमेशा उबाल कर खाना चाहिए।
इसके अलावा यदि आपको थायरॉइड की समस्या है तो माका रूट से सावधानी रखें। माका रूट में गोइत्रोगेंस नामक यौगिक मौजूद होता है, जो थायराइड ग्रंथि को प्रभावित करता है। इसके साथ ही साथ यह थायराइड की गतिविधियों को भी प्रभावित करता है। हालांकि, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही माका रूट का सेवन करना चाहिए।
माका रूट के बारे में अन्य जानकारी - Maca root ke bare me anya jankari
माका रूट को आप आसानी से अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। इसे आप पूरक (सप्लीमेंट) के रूप में ले सकते हैं। इसके अलावा स्मूदी, ओटमील और बेक किए हुए खाद्य पदार्थों में शामिल करके खा सकते हैं।
अध्ययन के अनुसार एक दिन में माका रूट पाउडर को 1 से 5 ग्राम से अधिक नहीं खाना चाहिए। माका रूट पाउडर आपको बाजार में आसानी से मिल जाएगा। यह ऑनलाइन बाजार में भी उपलब्ध है। इसके अलावा इसके 500mg का कैप्लूस और तरल रूप में भी बाजार में मिलता है।
3. Siberian Ginseng
जिनसेंग के 9 बड़े फायदे, नींद आने से लेकर वजन घटाने तक हैं कई लाभ
जिनसेंग के 9 बड़े फायदे, नींद आने से लेकर वजन घटाने तक हैं कई लाभ
न्यूट्रीशन
जिनसेंग के 9 बड़े फायदे, नींद आने से लेकर वजन घटाने तक हैं कई लाभ
जिनसेंग सदियों से चाइनीज़ मेडिसिन्स में इस्तेमाल किया जाने वाला हर्ब है। यह एक धीमी गति से बढ़ने वाला छोटा पौधा है। जिनसेंग एक मैजिकल प्लांट है जिसकी जड़ों का इस्तेमाल औषधि के तौर पर किया जाता है। भारत में बड़े पैमाने पर चाय के तौर पर इसकी बिक्री की जाती है। दिन में केवल एक कप जिनसेंग टी पीने से आपके शरीर को बहुत से स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं।
जिनसेंग के 9 बड़े फायदे, नींद आने से लेकर वजन घटाने तक हैं कई लाभ
न्यूट्रीशन
जिनसेंग के 9 बड़े फायदे, नींद आने से लेकर वजन घटाने तक हैं कई लाभ
जिनसेंग सदियों से चाइनीज़ मेडिसिन्स में इस्तेमाल किया जाने वाला हर्ब है। यह एक धीमी गति से बढ़ने वाला छोटा पौधा है। जिनसेंग एक मैजिकल प्लांट है जिसकी जड़ों का इस्तेमाल औषधि के तौर पर किया जाता है। भारत में बड़े पैमाने पर चाय के तौर पर इसकी बिक्री की जाती है। दिन में केवल एक कप जिनसेंग टी पीने से आपके शरीर को बहुत से स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं।
औषधीय गुण होने के कारण इस पौधे का इस्तेमाल आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाओं में भी किया जाता है। जिनसेंग डाइजेशन को बेहतर करने से लेकर स्लीप डिसऑर्डर्स को कम करने तक कई स्वास्थ्य परेशानियों में कारगर है। इसे मेडिकल स्टोर से पाउडर, चाय या कैप्सूल के फॉर्म में खरीदा जा सकता है हालांकि जिनसेंग की चाय अधिक प्रभावी मानी जाती है।
अपने नियमित आहार में जिनसेंग को शामिल करने से क्या लाभ मिल सकते हैं और यह आपके स्वास्थ्य को बूस्ट करने और आपको सेहतमंद बनाने में कैसे फायदेमंद है, आइए जानते हैं-
जिनसेंग के फायदे (Health Benefits of Ginseng)
वजन कम करने में मदद
हाइपरटेंशन से राहत
हार्मोन को बैलेंस करे
चिंता और तनाव को करे दूर
ब्रेन फंक्शन में सुधार
मेन्सट्रुअल समस्याओं को कम करे
इम्यूनिटी बढ़ाएं
त्वचा के स्वास्थ्य को बेहतर करे
स्लीप डिसऑर्डर को करे ठीक
1. वजन कम करने में मदद (Aids Weight Loss)
रिसर्च के अनुसार जिनसेंग की चाय वजन घटाने में सहायता करती है क्योंकि इसमें प्राकृतिक रूप से भूख को कम करने के गुण होते हैं जिससे आप अधिक कैलोरी नहीं खाते। हालांकि, केवल इस चाय को पीने से आपको वजन कम करने में मदद नहीं मिलेगी। इसके साथ नियमित व्यायाम और स्वस्थ आहार लेने की भी जरूरत है।
2. हाइपरटेंशन से राहत (Controls Hypertension)
उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन को कंट्रोल करने के लिए जिनसेंग की चाय पीना एक प्राकृतिक घरेलू उपचार बताया जाता है। उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों पर किए गए कुछ अधय्यनों में साबित हुआ है कि जिनसेंग टी के सेवन से ब्लड प्रेशर को नियमित किया जा सकता है।
3. हार्मोन को बैलेंस करे (Restores Hormonal Balance)
जिनसेंग के 9 बड़े फायदे, नींद आने से लेकर वजन घटाने तक हैं कई लाभ
न्यूट्रीशन
जिनसेंग के 9 बड़े फायदे, नींद आने से लेकर वजन घटाने तक हैं कई लाभ
जिनसेंग सदियों से चाइनीज़ मेडिसिन्स में इस्तेमाल किया जाने वाला हर्ब है। यह एक धीमी गति से बढ़ने वाला छोटा पौधा है। जिनसेंग एक मैजिकल प्लांट है जिसकी जड़ों का इस्तेमाल औषधि के तौर पर किया जाता है। भारत में बड़े पैमाने पर चाय के तौर पर इसकी बिक्री की जाती है। दिन में केवल एक कप जिनसेंग टी पीने से आपके शरीर को बहुत से स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं।
औषधीय गुण होने के कारण इस पौधे का इस्तेमाल आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाओं में भी किया जाता है। जिनसेंग डाइजेशन को बेहतर करने से लेकर स्लीप डिसऑर्डर्स को कम करने तक कई स्वास्थ्य परेशानियों में कारगर है। इसे मेडिकल स्टोर से पाउडर, चाय या कैप्सूल के फॉर्म में खरीदा जा सकता है हालांकि जिनसेंग की चाय अधिक प्रभावी मानी जाती है।
अपने नियमित आहार में जिनसेंग को शामिल करने से क्या लाभ मिल सकते हैं और यह आपके स्वास्थ्य को बूस्ट करने और आपको सेहतमंद बनाने में कैसे फायदेमंद है, आइए जानते हैं-
जिनसेंग के फायदे (Health Benefits of Ginseng)
Image Credits: Freepik
वजन कम करने में मदद
हाइपरटेंशन से राहत
हार्मोन को बैलेंस करे
चिंता और तनाव को करे दूर
ब्रेन फंक्शन में सुधार
मेन्सट्रुअल समस्याओं को कम करे
इम्यूनिटी बढ़ाएं
त्वचा के स्वास्थ्य को बेहतर करे
स्लीप डिसऑर्डर को करे ठीक
1. वजन कम करने में मदद (Aids Weight Loss)
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रिसर्च के अनुसार जिनसेंग की चाय वजन घटाने में सहायता करती है क्योंकि इसमें प्राकृतिक रूप से भूख को कम करने के गुण होते हैं जिससे आप अधिक कैलोरी नहीं खाते। हालांकि, केवल इस चाय को पीने से आपको वजन कम करने में मदद नहीं मिलेगी। इसके साथ नियमित व्यायाम और स्वस्थ आहार लेने की भी जरूरत है।
2. हाइपरटेंशन से राहत (Controls Hypertension)
उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन को कंट्रोल करने के लिए जिनसेंग की चाय पीना एक प्राकृतिक घरेलू उपचार बताया जाता है। उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों पर किए गए कुछ अधय्यनों में साबित हुआ है कि जिनसेंग टी के सेवन से ब्लड प्रेशर को नियमित किया जा सकता है।
3. हार्मोन को बैलेंस करे (Restores Hormonal Balance)
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जिनसेंग की चाय महिलाओं के लिए विशेष रूप से अच्छी मानी जाती है, क्योंकि यह उनके शरीर में हार्मोनल संतुलन लाने में मदद कर सकती है जिसके परिणामस्वरूप स्तन कैंसर, एंडोमेट्रियोसिस और हार्मोनल असंतुलन के कारण होने वाली अन्य समस्याओं से बचाव किया जा सकता है। जिनसेंग में जीनसाइडाइड होता है जो केमिकली महिला स्टेरॉइडल हार्मोन के समान होता है, जिसका अर्थ है कि जिनसेंग की जड़ में हल्के से एस्ट्रोजन जैसे प्रभाव होते हैं जो हार्मोन्स को बैलेंस करने में मदद करते हैं।
4. चिंता और तनाव को करे दूर (Reduced anxiety and stress)
जिनसेंग में मानसिक और शारीरिक तनाव को कम करने के गुण होते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल को कम करता है और एड्रेनल ग्लैंड को मजबूत करता है। जिनसेंग आपके मेटाबॉलिज्म को भी बढ़ाता है, और मोटापे से संबंधित बीमारियों की संभावना को कम करता है।
5. ब्रेन फंक्शन में सुधार (Benefits Brain Function)
जिनसेंग ब्रेन फंक्शन को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है जैसे मेमोरी, बिहेवियर और मूड। कुछ टेस्ट-ट्यूब और जानवरों के अध्ययनों से पता चलता है कि जिनसेंग में मौजूद कम्पाउंड जैसे जिनसिनोसाइड्स (ginsenosides) और कम्पाउंड K ब्रेन को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचा सकते हैं।
6. मेन्सट्रुअल समस्याओं को कम करे (Decreased menstrual problems)
जिनसेंग टी के सेवन से पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द और ऐंठन को कम करने में मदद मिल सकती है। यह मैनोपेज़ के लक्षणों से भी राहत देता है। कोरियाई जिनसेंग इसके लिए विशेष रूप से अच्छा माना जाता है। साथ ही जिनसेंग एक मूड बूस्टर है जो डिप्रेशन के लक्षणों से बचाव करता है।
7. इम्यूनिटी बढ़ाएं (Increase immunity)
अध्ययनों से पता चलता है कि दिन में एक कप जिनसेंग की चाय का सेवन प्रतिरक्षा को बढ़ाता है और वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण होने के रिस्क को कम करता है। इसलिए, अगर आप सर्दी और जुकाम से पीड़ित हैं तो यह आपके लिए एक जादुई औषधि हो सकती है।
8. त्वचा के स्वास्थ्य को बेहतर करे (Promotes Skin Health)
जिनसेंग एक एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर हर्ब है जो स्किन के स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकता है। इसके एक्टिव कम्पाउंड्स में इंफ्लेमेशन को कम करने वाले गुण होते हैं। यह फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करता है जिससे एजिंग प्रोसेस को धीमा करने में मदद मिल सकती है।
9. स्लीप डिसऑर्डर को करे ठीक (Fights sleep disorders)
जिनसेंग की चाय शरीर के लिए हीलिंग मेडिसिन की तरह काम करती है जो आपके दिमाग को शांत करती है और शरीर को आराम देती है। यह शरीर की मेटाबॉलिक क्षमता और प्रतिरक्षा को बढ़ाती है साथ ही नींद ना आने की समस्या से राहत देती है।
जिनसेंग के नुकसान (Disadvantages of Ginseng)
हालांकि जिनसेंग का सेवन हर किसी के लिए फायदेमंद होता है और आमतौर पर इसके सेवन से कोई नुकसान नहीं होते हैं क्योंकि यह एक प्राकृतिक जड़ी बूटी है। लेकिन इसके अधिक सेवन से पेट से जुड़ी दिक्कतें, सिरदर्द, नींद आने में परेशानी आदि हो सकती हैं। इसलिए इसके सेवन से पहले या इसे फ़ूड सप्लीमेंट में मिलाने से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क जरूर कर लेना चाहिए।
हम आशा करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। अगर आप किसी विषय पर हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो हमें आपके सवालों के जवाब देने में खुशी होगी। आप हमें अपने सवाल कमेंट बॉक्स में लिख सकती हैं।
4. Elderberry
एल्डरबेरी क्या है?
एल्डरबेरी सबसे ज्यादा दवाइयों में इस्तेमाल होने वाले पौधों में से एक है। इसका वानस्पातिक नाम सैम्बूकस (Sambucus) है। देखने में ये बिल्कुल जामून जैसी लगती है। सदियों से अमेरीका के लोग एल्डरबेरी का इस्तेमाल इंफेक्शन को दूर करने के लिए करते आ रहे हैं। प्राचीन मिस्त्र के लोग इसका उपयोग त्वचा की रंगत सुधारने और घाव भरने के लिए करते हैं। एल्डरबेरी पेड़ के फूल और पत्तियों में भी ओषधीय गुण होते हैं। इसके फूल कैरोटीन, टैनिक, पैराफिन और कोलीन जैसे तत्वों का स्त्रोत हैं।
एल्डरबेरी के फूलों और पत्तियों को दर्द से राहत, सूजन और पसीना उत्पन्न करने के लिए प्रयोग किया जाता है। सूखी बेरी और जूस को इन्फ्लूएंजा, संक्रमण, स्कायटिका, सिरदर्द, दांत दर्द और हृदय दर्द के इलाज के लिए अच्छा माना जाता है। बेरी को पकाकर जूस, जैम, चटनी, पाई और वाइन भी बनाई जाती है।
एल्डरबेरी का उपयोग किस लिए किया जाता है?
एल्डरबेरी का उपयोग निम्नलिखित कारणों से किया जाता है। जैसे-
एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर :
इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो कोल्ड और कफ (सर्दी-जुकाम) को दूर करने के साथ इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने का काम करते हैं। कुछ लोग एल्डरबेरी को कोल्ड, फ्लू, स्वाइन फ्लू के लिए लेते हैं। इसे एचआईवी, एड्स और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए भी लिया जाता है।
दर्द को करे दूर:
एल्डरबेरी साइनस के कारण होने वाले दर्द, पैरों में दर्द, नर्व पेन और क्रॉनिक फटिग सिंड्रोम से भी राहत दिलाता है।
न्यूट्रिएंट्स :
एल्डरबेरी विटामिन सी, डायटरी फाइबर, फिनोलिक एसिड, फ्लेवानोल और एंथोस्यानिस का अच्छा स्त्रोत है।
हृदय के अच्छे स्वास्थ्य के लिए :
एल्डरबेरी दिल और रक्त वाहिका जो शरीर में रक्त का परिवहन करती हैं दोनों को स्वस्थ रखने में मद्दगार है। कई शोधों में भी ये निष्कर्ष निकला है कि इसके जूस को पीने से खून में से फैट कम होता है, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। इसके अलावा, इसमें फ्लेवोनोइड और एंथोसायनिन जैसे कम्पाउंड भी होते हैं जो रक्तचाप को कम कर दिल संबंधित परेशानियों से कोसों दूर रखते हैं।
स्किन और बालों के लिए :
एल्डबेरी में एंटी एजिंग और फ्री रेडिकल फाइटिंग प्रॉपर्टीज होती हैं, जो स्किन को नैचुरल डिटॉक्सिफाई करता है। इससे स्किन पर किसी तरह के ब्रेकआउट, पिंप्ल और निशान नहीं होते हैं। ये दो मुंह बालों से लेकर स्कैल्प पर कोई परेशानी को दूर करने भी मददगार है। साथ ही बालों की ग्रोथ में भी सुधार करता है।
कब्ज के लिए:
एल्डरबेरी और दूसरी सामग्री के साथ बनाई गई चाय कब्ज की परेशानी से राहत दिलाता है।
इन बीमारियों में भी है मददगार
इसमें कैंसर-रोधक गुण होते हैं जो कैंसर से लड़ने में मदद करते हैं।
शरीर में मौजूद खतरनाक बैक्टीरिया से लड़ने में मददगार है।
यूवी रेडिएशन से कवच प्रदान करता है।
सही से यूरिन होना।
साइनस के दर्द में राहत।
साइटिका के भयानक दर्द को करे दूर।
कब्ज की समस्या को दूर करता है।
पित्ताशय की बीमारियों को।
मधुमेह के मरीजों के लिए लाभदायक ।
गुर्दे की सूजन को कम करता है।
त्वचा पर पड़ने वाली झुड़ियों से बचा जा सकता है।
स्किन से जुड़ी परेशानी दूर हो सकती है।
कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक होता है।
कार्डियोवेस्कुलर डिजीज से बचने में है सहायक।
कैसे काम करता है एल्डरबेरी?
एल्डरबेरी में हेमेग्लुटिनिन प्रोटीन (haemagglutinin protein) होता है, जो कोशिकाओं में प्रवेश होकर वायरस को फैलने से रोकता है। अगर संक्रमण होने के बाद इसका सेवन किया जाए तो यह वायरस को फैलने से रोकता है। इससे इन्फ्लूएंजा के लक्षणों की अवधि भी कम होती है।
5. Sour Cherry 🍒🍒
चेरी में प्रतिउपचायक की भरपूर मात्रा होती है जो हमारे स्वास्थ्य पर बहुत अच्छा प्रभाव डालती है। चेरी का सेवन कुछ प्रकार के कैंसर को रोकने में भी मदद करता है, उत्तेजन को कम करता है और गठिया को रोकता है, गठिया के दर्द से राहत दिलाता है और पेट की चर्बी को कम करने में भी मदद करता है। इनके अलावा, चेरी स्वस्थ नींद का भी समर्थन करती है, व्यायाम के बाद होने वाले मांसपेशियों के दर्द को कम करती है,थक्के का खतरा कम करती है और आपकी त्वचा और बालों की देखभाल करती है।
चेरी
चेरी एक गुदगुदा फल है जो जीनस प्रूनस से संबंधित है। एक विशिष्ट चीज के केंद्र में एक कठोर बीज होता है जो खाद्य गुदगुदा फल से घिरा होता है, जिसका व्यास लगभग 2 सेमी होता है। त्वचा चमकदार लाल या बैंगनी रंग की होती है। चेरी की दो किस्में जंगली या मीठी चेरी और खट्टी या तीखी चेरी हैं। वे विभिन्न आकृतियों के हो सकते हैं और नाश्ते के रूप में खाए जा सकते हैं या उन्हें तीखा या चेरी पीज़ या रस बनाने में इस्तेमाल किया जा सकता है।
चेरी का पौषणिक मूल्य
विटामिन सी, जो एक शक्तिशाली प्रतिउपचायक का काम करता है, चेरी में अच्छी मात्रा में मौजूद होता है। इनमें वसा, पित्त-सांद्रव या सोडियम नहीं होता है। उनके पास रेशे , विटामिन ए और आवश्यक खनिज जैसे लोहा, कैल्शियम और प्रोटीन हैं। इनमें पोटैशियम भी पर्याप्त मात्रा में होता है। इन के अलावा, चेरी में बोरान, मेलाटोनिन और एंथोसायनिन जैसे अन्य फायदेमंद यौगिक भी होते हैं।
चेरी के स्वास्थ लाभ
नीचे उल्लेखित सेब के सबसे अच्छे स्वास्थ्य लाभ हैं
आपको सोने में मदद करता है
चेरी में पर्याप्त मात्रा में मेलाटोनिन होता है जो अनिद्रा को ठीक करने में सहायक होता है और यह स्वस्थ जोड़ों को बनाए रखने में भी मदद करता है। इस प्रकार नींद की बीमारी से पीड़ित लोग अपने आहार में चेरी को शामिल कर सकते हैं। चेरी का रस पीने से नींद के चक्र को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
अल्जाइमर (भूलने की बीमारी ) रोग को रोकता है
यह पाया गया है कि आहार में चेरी को शामिल करने से अल्जाइमर रोग के लक्षणों से निपटने के लिए व्यक्ति को मदद मिल सकती है। कई डॉक्टरों ने अल्जाइमर से पीड़ित लोगों के लिए चेरी की सिफारिश की है। यह प्रतिउपचायक की अच्छी मात्रा की उपस्थिति के कारण है।
थक्के का खतरा कम करता है
अपने आहार में चेरी शामिल करना हृदय रोगों को रोकने में मदद कर सकता है। यह एंथोसायनिन की उपस्थिति के कारण है जो तीखा चेरी को लाल रंग प्रदान करते हैं। एंथोसायनिन पीपीएआर को सक्रिय करने में मदद करते हैं जो वसा और ग्लूकोज चयापचय के लिए जिम्मेदार जीन को नियंत्रित करता है। इससे रक्त शर्करा और पित्त-सांद्रव का स्तर नियंत्रित रहता है।
कैंसर को रोकने में मदद करता है
मीठी चेरी में विटामिन सी, एंथोकायनिन और कैरोटेनॉइड होते हैं जो कुछ प्रकार के कैंसर को रोकने में मदद करते हैं। मीठी चेरी भी सायनाइड्स का एक अच्छा स्रोत है, जो मुख्य रूप से इस फल की कैंसर-निवारक क्षमताओं के लिए जिम्मेदार है। एंथोसायनिन कोशिका चक्र और एपोस्टोसिस को पकड़ने करने में मदद करता है। साइनिडिन कोशिका विभेदन को बढ़ावा देता है और स्वस्थ कोशिकाओं के कैंसर में परिवर्तित होने के जोखिम को कम करता है।
वात-रोग का इलाज करता है और उत्तेजन को रोकता है
वात-रोग तब होता है जब आपके शरीर में यूरिक अम्ल सांद्रता की अधिकता होती है। यूरिक-अम्ल बनाने वाले माणभ आपके जोड़ों में जमा हो जाते हैं और इससे सूजन और उत्तेजन हो जाती है। चेरी आपके रक्त में यूरिक अम्ल की मात्रा को नियंत्रित करने वाली चयापचय प्रक्रियाओं को विनियमित करने में मदद करके इस बीमारी को रोकने में मदद करता है।
मांसपेशियों के दर्द को कम करने में मदद करता है
चेरी का रस व्यायाम के बाद मांसपेशियों के दर्द को कम करने में मदद करता है। उच्च तीव्रता वाले व्यायाम करने वाले या प्रशिक्षण में शामिल लोग अपने आहार में चेरी का रस शामिल कर सकते हैं।
रक्तचाप को नियंत्रित करता है
चेरी रक्तचाप और हृदय गति को नियंत्रित करने में मदद करता है और हृदय रोगों के विकास के जोखिम को कम करता है। यह पोटेशियम की उपस्थिति के कारण है, जो वासोडिलेटर है। चेरी में फाइटोस्टेरॉल भी होता है जो खराब रक्तवसा के स्तर को कम करता है।
वजन घटाने में मदद करता है
चेरी में मुख्य रूप से पानी होता है और इसमें कैलोरी बहुत कम होती है। इस फल में फाइबर की मात्रा आपको लंबे समय तक पूर्ण बनाए रखने में मदद करती है जबकि बी विटामिन जैसे थायमिन, रिब्लोफ्लेविन और विटामिन बी 6 चयापचय और ऊर्जा में पोषक तत्वों के रूपांतरण की सुविधा देते हैं। इस प्रकार चेरी आपको वजन कम करने में मदद करती है।
माइग्रेन के लिए अच्छा है और आपके यौन जीवन को बढ़ावा देने में भी मदद करता है
चेरी में एंथोसायनिन और बायोफ्लेवोनॉइड होते हैं जो उत्तेजन को कम करते हैं और इस तरह से माइग्रेन से राहत प्रदान करते हैं। चेरी पुरुषों और महिलाओं दोनों में कामेच्छा बढ़ाने में मदद करती है। चेरी में मौजूद विटामिन ए और विटामिन सी, टेस्टोस्टेरोन और एस्ट्रोजन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं और यौन भूख में भी सुधार करते हैं।
चेरी के उपयोग
सेब में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो श्वसन संबंधी परेशानियों का इलाज करने में मदद करते हैं। श्वसन संबंधी समस्याएं शुरू हो जाती हैं जब श्वसन तंत्र कमजोर पड़ जाता है कुछ झिल्ली और कोशिकाओं की सूजन से। अस्थमा सबसे उत्तेजित श्वसन स्थितियों में से एक है, जहां इससे पीड़ित लोग मर भी सकते हैं। नियमित रूप से सेब का सेवन करने से किसी भी तरह की सांस की बीमारियों से निपटने में मदद मिलती है। जो लोग दमा की प्रवृत्ति से ग्रस्त हैं, उन्हें अपने दैनिक फल आहार में सेब को जोड़ने का एक बिंदु बनाना चाहिए।
चेरी के साइड इफेक्ट & एलर्जी
चेरी में आहार फाइबर होता है और इस फल के अधिक सेवन से जठरांत्र समस्याएं हो सकती हैं। अत्यधिक खपत से आंतों की गैस, सूजन और ऐंठन हो सकती है। चेरी में कई आवश्यक विटामिन और खनिज नहीं होते हैं और इसलिए इसे अन्य पोषण युक्त खाद्य पदार्थों के प्रतिस्थापन के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। कभी-कभी संवेदनशील लोग इस फल के सेवन पर कुछ एलर्जी विकसित कर सकते हैं।
चेरी की खेती
लंबे समय से चेरी का सेवन किया जाता है। रोमन विजेता, चीनी महानुभाव और यूनानी नागरिक- सभी चेरी को एक विनम्रता मानते थे। यह फल 17 वीं शताब्दी की शुरुआत में यूरोपीय निवासियों द्वारा अमेरिका लाया गया था। यह भी माना जाता है कि मिठाई चेरी वास्तव में एशिया में उत्पन्न हुई थी और उन्हें पक्षियों द्वारा यूरोप ले जाया गया था। चेरी ठंडी जलवायु में सबसे अच्छी होती है क्योंकि इसके लिए 1200-1500 घंटे की चिलिंग पीरियड की आवश्यकता होती है। वे समुद्र तल से 1500 मीटर की ऊंचाई पर अच्छी तरह से बढ़ते हैं। इस फल के ठीक से विकसित होने के लिए 6-7.5 की पीएच रेंज वाली गहरी रेतीली मिट्टी आवश्यक है। पौधे के लिए 100 - 125 सेमी की वार्षिक वर्षा आवश्यक है।
आपको सोने में मदद करता है
चेरी में पर्याप्त मात्रा में मेलाटोनिन होता है जो अनिद्रा को ठीक करने में सहायक होता है और यह स्वस्थ जोड़ों को बनाए रखने में भी मदद करता है। इस प्रकार नींद की बीमारी से पीड़ित लोग अपने आहार में चेरी को शामिल कर सकते हैं। चेरी का रस पीने से नींद के चक्र को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
अल्जाइमर (भूलने की बीमारी ) रोग को रोकता है
यह पाया गया है कि आहार में चेरी को शामिल करने से अल्जाइमर रोग के लक्षणों से निपटने के लिए व्यक्ति को मदद मिल सकती है। कई डॉक्टरों ने अल्जाइमर से पीड़ित लोगों के लिए चेरी की सिफारिश की है। यह प्रतिउपचायक की अच्छी मात्रा की उपस्थिति के कारण है।
थक्के का खतरा कम करता है
अपने आहार में चेरी शामिल करना हृदय रोगों को रोकने में मदद कर सकता है। यह एंथोसायनिन की उपस्थिति के कारण है जो तीखा चेरी को लाल रंग प्रदान करते हैं। एंथोसायनिन पीपीएआर को सक्रिय करने में मदद करते हैं जो वसा और ग्लूकोज चयापचय के लिए जिम्मेदार जीन को नियंत्रित करता है। इससे रक्त शर्करा और पित्त-सांद्रव का स्तर नियंत्रित रहता है।
कैंसर को रोकने में मदद करता है
मीठी चेरी में विटामिन सी, एंथोकायनिन और कैरोटेनॉइड होते हैं जो कुछ प्रकार के कैंसर को रोकने में मदद करते हैं। मीठी चेरी भी सायनाइड्स का एक अच्छा स्रोत है, जो मुख्य रूप से इस फल की कैंसर-निवारक क्षमताओं के लिए जिम्मेदार है। एंथोसायनिन कोशिका चक्र और एपोस्टोसिस को पकड़ने करने में मदद करता है। साइनिडिन कोशिका विभेदन को बढ़ावा देता है और स्वस्थ कोशिकाओं के कैंसर में परिवर्तित होने के जोखिम को कम करता है।
वात-रोग का इलाज करता है और उत्तेजन को रोकता है
वात-रोग तब होता है जब आपके शरीर में यूरिक अम्ल सांद्रता की अधिकता होती है। यूरिक-अम्ल बनाने वाले माणभ आपके जोड़ों में जमा हो जाते हैं और इससे सूजन और उत्तेजन हो जाती है। चेरी आपके रक्त में यूरिक अम्ल की मात्रा को नियंत्रित करने वाली चयापचय प्रक्रियाओं को विनियमित करने में मदद करके इस बीमारी को रोकने में मदद करता है।
मांसपेशियों के दर्द को कम करने में मदद करता है
चेरी का रस व्यायाम के बाद मांसपेशियों के दर्द को कम करने में मदद करता है। उच्च तीव्रता वाले व्यायाम करने वाले या प्रशिक्षण में शामिल लोग अपने आहार में चेरी का रस शामिल कर सकते हैं।
रक्तचाप को नियंत्रित करता है
चेरी रक्तचाप और हृदय गति को नियंत्रित करने में मदद करता है और हृदय रोगों के विकास के जोखिम को कम करता है। यह पोटेशियम की उपस्थिति के कारण है, जो वासोडिलेटर है। चेरी में फाइटोस्टेरॉल भी होता है जो खराब रक्तवसा के स्तर को कम करता है।
वजन घटाने में मदद करता है
चेरी में मुख्य रूप से पानी होता है और इसमें कैलोरी बहुत कम होती है। इस फल में फाइबर की मात्रा आपको लंबे समय तक पूर्ण बनाए रखने में मदद करती है जबकि बी विटामिन जैसे थायमिन, रिब्लोफ्लेविन और विटामिन बी 6 चयापचय और ऊर्जा में पोषक तत्वों के रूपांतरण की सुविधा देते हैं। इस प्रकार चेरी आपको वजन कम करने में मदद करती है।
माइग्रेन के लिए अच्छा है और आपके यौन जीवन को बढ़ावा देने में भी मदद करता है
चेरी में एंथोसायनिन और बायोफ्लेवोनॉइड होते हैं जो उत्तेजन को कम करते हैं और इस तरह से माइग्रेन से राहत प्रदान करते हैं। चेरी पुरुषों और महिलाओं दोनों में कामेच्छा बढ़ाने में मदद करती है। चेरी में मौजूद विटामिन ए और विटामिन सी, टेस्टोस्टेरोन और एस्ट्रोजन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं और यौन भूख में भी सुधार करते हैं।
चेरी के उपयोग
सेब में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो श्वसन संबंधी परेशानियों का इलाज करने में मदद करते हैं। श्वसन संबंधी समस्याएं शुरू हो जाती हैं जब श्वसन तंत्र कमजोर पड़ जाता है कुछ झिल्ली और कोशिकाओं की सूजन से। अस्थमा सबसे उत्तेजित श्वसन स्थितियों में से एक है, जहां इससे पीड़ित लोग मर भी सकते हैं। नियमित रूप से सेब का सेवन करने से किसी भी तरह की सांस की बीमारियों से निपटने में मदद मिलती है। जो लोग दमा की प्रवृत्ति से ग्रस्त हैं, उन्हें अपने दैनिक फल आहार में सेब को जोड़ने का एक बिंदु बनाना चाहिए।
चेरी के साइड इफेक्ट & एलर्जी
चेरी में आहार फाइबर होता है और इस फल के अधिक सेवन से जठरांत्र समस्याएं हो सकती हैं। अत्यधिक खपत से आंतों की गैस, सूजन और ऐंठन हो सकती है। चेरी में कई आवश्यक विटामिन और खनिज नहीं होते हैं और इसलिए इसे अन्य पोषण युक्त खाद्य पदार्थों के प्रतिस्थापन के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। कभी-कभी संवेदनशील लोग इस फल के सेवन पर कुछ एलर्जी विकसित कर सकते हैं।
चेरी की खेती
लंबे समय से चेरी का सेवन किया जाता है। रोमन विजेता, चीनी महानुभाव और यूनानी नागरिक- सभी चेरी को एक विनम्रता मानते थे। यह फल 17 वीं शताब्दी की शुरुआत में यूरोपीय निवासियों द्वारा अमेरिका लाया गया था। यह भी माना जाता है कि मिठाई चेरी वास्तव में एशिया में उत्पन्न हुई थी और उन्हें पक्षियों द्वारा यूरोप ले जाया गया था। चेरी ठंडी जलवायु में सबसे अच्छी होती है क्योंकि इसके लिए 1200-1500 घंटे की चिलिंग पीरियड की आवश्यकता होती है। वे समुद्र तल से 1500 मीटर की ऊंचाई पर अच्छी तरह से बढ़ते हैं। इस फल के ठीक से विकसित होने के लिए 6-7.5 की पीएच रेंज वाली गहरी रेतीली मिट्टी आवश्यक है। पौधे के लिए 100 - 125 सेमी की वार्षिक वर्षा आवश्यक है।
6. Raspberry
Raspberry in Hindi रसभरी जिसे हम रास्पबेरी के नाम से भी जानते हैं। इसे प्राकृतिक कैंडी कहा जाता है। रसभरी के फायदे विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के लिए जाने जाते हैं। प्राचीन समय से इस औषधीय फल का उपभोग किया जा रहा है। इनका उज्जवल रंग, मीठा रसदार स्वाद और इसमें मौजूद पोषक तत्वों के कारण इसे दुनिया भर में पसंद किया जाता है। रास्पबेरी के फायदे हृदय को स्वस्थ्य रखने, मधुमेह को नियंत्रित करने, मोटापा कम करने, यौन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, प्रतिरक्षा और आंखों के स्वास्थ्य को बढ़ाने आदि के लिए होते हैं। इस लेख में आप रसभरी से प्राप्त होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में जानेगें।
1. रास्पबेरी क्या है – What Is Raspberry in Hindi
2. रसभरी का पौधा – Raspberry plant in Hindi
3. रास्पबेरी के पोषक तत्व – Raspberry Nutrition in Hindi
4. रास्पबेरी के फायदे – Raspberry Benefits in Hindi
- रसभरी के फायदे हृदय के लिए – Raspberry benefits for heart health in Hindi
- रास्पबेरी बेनिफिट्स फॉर वेट लॉस – Raspberry Benefits For Weight Loss in Hindi
- रसभरी के लाभ यौन स्वास्थ्य में – Raspberry Benefits For Sexual Health in Hindi
- रास्पबेरी फल के फायदे मधूमेह में – Benefits of raspberry for Diabetes in Hindi
- रसभरी फ्रूट के फायदे प्रतिरक्षा बढ़ाने में – Raspberry Fruit Benefits For Immunity in Hindi
- गोल्डन बेरीज फार आई हेल्थ – Golden Berries For Eye Health in Hindi
- रसभरी की पत्ती के फायदे महिलाओं के लिए – Raspberry Leaf Benefits For Women Health in Hindi
- रसभरी के गुण करें गठिया का इलाज – Raspberry Benefits For Arthritis in Hindi
- रसभरी फल के फायदे बालों के लिये – Raspberry Benefits For Hair in Hindi
- रास्पबेरी फल के फायदे याददाश्त बढ़ाएं – Rasbhari Benefits For Memory in Hindi
5. रसभरी के नुकसान – Raspberry Khane Ke Nuksan in Hindi
रास्पबेरी क्या है – What Is Raspberry in Hindi
रसभरी गुलाब परिवार से संबंधित पौधा है जो कि बारहमासी फलदार पौधा है। यह झाड़ीनुमा पौधा माना जाता है। यह पौधा बहुत ही रसदार और स्वादिष्ट फल देता है इस कारण यह दुनिया में उपभोग करने वाले प्रमुख फलों में शामिल किया जा सकता है। रास्पबेरी आपके अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। आइए जाने रसभरी के पौधे के बारे में।
रसभरी का पौधा – Raspberry plant in Hindi
इस पौधे की ऊंचाई लगभग 1 मीटर से 2 मीटर तक होती है जो कि कांटेदार झाड़ी की तरह होता है। इस पौधे में अंडाकर पत्तियां होती हैं जिनका गहरा हरा रंग होता है। इसके फूल सफेद होते हैं जिनकी पुखुडियां छोटी-छोटी होती है। इसके फल छोटे जामुन की तरह होते हैं जिनका रंग लाल या पीला हो सकता है। इस पौधे के फल तो फायदेमंद होते ही हैं साथ ही इस पौधे के विभिन्न भाग भी हर्बल दवाओं में उपयोग किये जाते हैं। गर्मीयों के मौसम में होने वाले फलों को सुखा कर भी उपयोग किया जा सकता है। आइए जाने रसभरी फल में पाए जाने वाले पोषक तत्व क्या हैं।
रास्पबेरी के पोषक तत्व – Raspberry Nutrition in Hindi
इस औषधीय फल में बहुत से पोषक तत्व मौजूद रहते हैं जो हमें कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ दिलाने में मदद करते हैं। 1 कप पके हुए रसभरी (लगभग 134 ग्राम) में 64 कैलोरी होती है। इसके अलावा इसमें 1.5 ग्राम प्रोटीन, 0.8 ग्राम वसा, और 15 ग्राम कार्बोहाइड्रेट (8 ग्राम फाइबर और 5 ग्राम चीनी सहित) होते हैं।
कच्चे रसभरी के 1 कप मात्रा का सेवन करने पर दैनिक आवश्कता का 54 प्रतिशत विटामिन सी, 12 प्रतिशत विटामिन K, फोलेट का 6 प्रतिशत, विटामिन ई का 5 प्रतिशत प्राप्त किया जा सकता है। खनिज पदार्थों में आयरन, पोटेशियम और मैंगनीज आदि की अच्छी उपस्थिति होती है। इसके अलावा इसमें थियामिन, रिबोफ्लाविन, नियासिन, पेंटोथेनिक एसिड,, विटामिन बी6, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, जस्ता और कॉपर भी कम मात्रा में होते हैं। रसभरी में एंटीऑक्सीडेंट अल्फा और बीटा कैरोटीन, ल्यूटिन, जेक्सैंथिन और कोलाइन होते हैं। इस तरह से यह हमारे लिए बहुत ही फायदेमंद फल माना जाता है।
रास्पबेरी के फायदे – Raspberry Benefits in Hindi
अपने स्वादिष्ट स्वाद और उपचार गुणों के कारण रसभरी सामान्य और गंभीर स्वासथ्य समस्याओं को दूर कर सकती है। इसके अलावा इस फल का उपभोग करने पर अन्य खाद्य पदार्थों की अपेक्षा दुष्प्रभाव भी बहुत ही कम होते हैं। आइए जाने रसभरी खाने के फायदे और स्वास्थ्य लाभ क्या हैं।
1. वजन कम करने के लिए रास्पबेरी के फायदे
बढ़ते वजन से परेशान लोग रास्पबेरी को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। दरअसल, रास्पबेरी कीटोन (Raspberry Ketone), जोकि लाल रास्पबेरी से निकाली जाती है, उसका सेवन वजन घटाने में मदद कर सकता है। कुछ अध्ययनों के अनुसार, अगर रास्पबेरी कीटोन को विटामिन-सी के साथ लिया जाए, तो यह मोटापा घटाने में मददगार साबित हो सकती है। इसके अलावा, इसमें एंटी-ओबेसिटी गुण मौजूद होते हैं, जो मोटापा और फैटी लिवर को कम करने में मदद कर सकते हैं। बेशक रास्पबेरी में ये सभी गुण होते हैं, लेकिन इस संबंध में अभी और वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है (3) (4)।
2. कैंसर के लिए रसभरी के फायदे
रास्पबेरी विटामिन-सी और फाइबर से भरपूर होती है। कुछ अध्ययनों के अनुसार, विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ एसोफेगस (Esophagus) यानी भोजन-नली और डाइटरी फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal Cancer) से बचाव कर सकते हैं। इतना ही नहीं रसभरी के अन्य गुणों की अगर बात करें, तो इसमें इलाजिक एसिड (Ellagic Acid) मौजूद होता है, जो कैंसर या ट्यूमर के प्रभाव को बढ़ने से रोक सकता है (5)। ध्यान रहे कि यह कैंसर से बचाव कर सकता है, लेकिन अगर कोई कैंसर से पीड़ित है, तो उसे डॉक्टर से इलाज कराने की सख्त जरूरत है, क्योंकि कैंसर एक घातक बीमारी है।
3. मधुमेह के लिए रसभरी के फायदे
मधुमेह के रोगियों को मीठा संतुलित मात्रा में या न के बराबर खाने की सलाह दी जाती है। ऐसे में अगर किसी को डायबिटीज है, तो वो डॉक्टर की सलाह पर संतुलित मात्रा में रास्पबेरी का सेवन कर सकते हैं। यह फल न सिर्फ मीठा खाने की इच्छा को पूरा कर सकता है, बल्कि ब्लड ग्लूकोज की मात्रा को संतुलित रखने में मदद कर डायबिटीज के जोखिम को कम कर सकता है। ध्यान रहे कि इसके साथ मधुमेह के लिए दवाइयों का सेवन भी जरूरी है। इसके अलावा, जिन्हें मधुमेह नहीं है और वो डायबिटीज के जोखिम से बचाव चाहते हैं, तो वो भी रास्पबेरी का सेवन कर सकते हैं (5)।
4. आंखों के लिए रास्पबेरी के फायदे
आंखों को स्वस्थ रखने के लिए भी रास्पबेरी का सेवन किया जा सकता है। कई अध्ययनों के अनुसार, गहरे रंग के फल जैसे – स्ट्रॉबेरी, ब्लैकबेरी और रास्पबेरी में फ्लेवोनॉइड और पॉलीफेनोलिक यौगिक (Flavonoids and Polyphenolic compounds) के साथ-साथ कई अन्य गुण भी मौजूद हैं, जो आंखों को स्वस्थ रखने में मददगार साबित हो सकते हैं (6)। हालांकि, ये किस प्रकार मदद करते हैं, इस पर अभी और मेडिकल रिसर्च किए जाने की जरूरत है।
5. पाचन के लिए रास्पबेरी के फायदे
रास्पबेरी में फाइबर पाया जाता है, जो पाचन संबंधी समस्याओं को दूर कर पाचन क्रिया को बढ़ावा देने का काम कर सकता है। इसलिए, स्वस्थ पाचन के लिए इसे डाइट में शामिल किया जा सकता है (7) (8)। वहीं, जो स्वस्थ हैं, वो इसका सेवन कर अपने पाचन तंत्र को हमेशा ठीक रख सकते हैं।
भी होता है और स्वस्थ हृदय के लिए फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ लाभकारी हो सकते हैं (10)।
6. हृदय के लिए रसभरी के फायद
रास्पबेरी या रसभरी हृदय को स्वस्थ रखने में मदद कर सकती है (9)। रास्पबेरी में एंटीऑक्सीडेंट जैसे – ऐंथोसायनिन और ऐलाजिटैनिन (anthocyannins and elergitannins) मौजूद होते हैं, जो हानिकारक कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल को कम करने या संतुलित रखने में मदद कर सकते हैं, जिस कारण कई हृदय संबंधी बीमारियों से बचा जा सकता है (5)। वहीं, रास्पबेरी में फाइबर भी होता है और स्वस्थ हृदय के लिए फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ लाभकारी हो सकते हैं (10)।
7. गठिया के लिए रास्पबेरी के फायदे
बढ़ती उम्र या फिर पोषक तत्वों की कमी के कारण हड्डियों से संबंधित समस्याएं भी होने लगती है। ऐसे में जरूरी है कि वक्त रहते इन पर ध्यान दिया जाए। हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए भी रास्पबेरी का सेवन किया जा सकता है। रास्पबेरी में विटामिन-सी के साथ-साथ ऐंथोसायनिन (Anthocyanin), क्वेरसेटिन (Quercetin) जैसे पॉलीफेनोल मौजूद होते हैं, जो ऑस्टियोअर्थराइटिस (Osteoarthritis, गठिया का एक प्रकार) से बचने में मदद कर सकते हैं (11) (12)। अगर किसी को जोड़ों या हड्डियों में तेज दर्द हो रहा हो, तो डॉक्टर से चेकअप जरूर करवाना चाहिए।
8. फर्टिलिटी के लिए रसभरी के गुण
मां बनना महिला के जीवन को पूरा होने का एहसास दिलाता है, लेकिन कभी-कभी किन्हीं कारणों से कुछ महिलाएं इस खुशी से वंचित रह जाती हैं। ऐसे में महिला को अपनी डाइट पर खासतौर पर ध्यान देना चाहिए और ऐसे खाद्य पदार्थों का चुनाव करना चाहिए, जिससे उनकी फर्टिलिटी में सुधार हो। महिला अपने आहार में रास्पबेरी शामिल कर सकती हैं, क्योंकि यह फल फर्टिलिटी बढ़ाने में कुछ मदद कर सकती है (13)। फर्टिलिटी बढ़ाने में रास्पबेरी कैसे काम करती है, इस पर अभी और वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है। साथ ही अगर किसी महिला को गर्भधारण करने में समस्या हो, तो उसे डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए।
9. याददाश्त में सुधार के लिए रास्पबेरी
कई लोगों की भूलने की आदत होती है, जो शुरूआत में तो बहुत सामान्य लग सकती है, लेकिन अगर इस पर ध्यान न दिया जाए, तो यह अल्जाइमर जैसी भूलने की बीमारी बन सकती है। ऐसे में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इन्फ्लेमेटरी पॉलीफेनोलिक युक्त खाद्य पदार्थ जैसे – रास्पबेरी के सेवन से याददाश्त में सुधार किया जा सकता है (5)। इसलिए, भूलने की आदत को अनदेखा न करते हुए अपने आहार में बेरी को शामिल कर सकते हैं। रास्पबेरी के सेवन से भूलने की समस्या कुछ हद तक कम हो सकती है।
10. इम्युनिटी के लिए रसभरी के फायदे
इम्यून पावर यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाए रखने के लिए रास्पबेरी पर भरोसा किया जा सकता है। जैसा कि लेख में ऊपर बताया गया है कि रास्पबेरी में विटामिन सी मौजूद होता है और विटामिन सी इम्यून पावर को बढ़ाने में मदद कर सकता है (14)। इस प्रकार रास्पबेरी जैसे छोटे-से फल के सेवन से कई बीमारियों के जोखिम से बचा जा सकता है (15)। यह संक्रमण से लड़ने में भी मदद कर सकता है (16)।
11. पीरियड्स क्रैम्प्स के लिए रास्पबेरी
पीरियड्स के दौरान महिलाओं को कई परेशानियां जैसे – पेट में दर्द, ऐंठन और मतली का सामना करना पड़ता है। ऐसे में कुछ महिलाएं इन समस्याओं से राहत पाने के लिए दवाइयों का सहारा भी लेती हैं, जिसके नुकसान भी हो सकते हैं। ऐसे में घरेलू उपायों की सहायता लेना फायदेमंद हो सकता है। अगर मासिक धर्म के दौरान दर्द या ऐंठन हो, तो रास्पबेरी की पत्तियों की चाय का सेवन किया जा सकता है। इसके सेवन से ऐंठन की समस्या काफी हद तक कम हो सकती है। पीरियड्स के दौरान रोजाना इस चाय का सेवन किया जा सकता है (17)। अगर फिर भी दर्द कम न हो, तो डॉक्टर से सलाह लेने में देरी न करें।
12. एंटीबैक्टीरियल
रास्पबेरी में एंटीबैक्टीरियल गुण भी मौजूद होते हैं। रास्पबेरी जूस का एंटीबैक्टीरियल गुण कुछ खास तरह के बैक्टीरिया जैसे – साल्मोनेला (Salmonella), शिगेला (Shigella) और ई. कोलाई (E. coli) को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकता है। फिलहाल, रास्पबेरी में एंटी-फंगल गुण की पुष्टि नहीं हुई है (18)।
13. त्वचा के लिए रास्पबेरी के फायदे
रास्पबेरी सिर्फ स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि त्वचा के लिए भी लाभकारी हो सकती है। रास्पबेरी का सेवन आपको त्वचा के कैंसर से बचा सकता है (5)। इतना ही नहीं काली रास्पबेरी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण त्वचा पर एंटी-एजिंग प्रभाव डालकर बढ़ती उम्र के असर को कम कर सकते हैं (19)। इतना ही नहीं रास्पबेरी त्वचा को सूर्य की हानिकारक किरणों से भी बचा सकती है (20)। वहीं, अगर किसी को त्वचा से जुड़ी कोई गंभीर समस्या हो, तो डॉक्टर के पास जरूर जाएं।
14. बालों के लिए रास्पबेरी के फायदे
रास्पबेरी न सिर्फ स्वास्थ्य और त्वचा के लिए, बल्कि बालों के लिए भी लाभकारी हो सकती है। कुछ अध्ययनों के अनुसार कैप्साइसिन (Capsaicin) का उपयोग डर्मल आईजीएफ को बढ़ाने में मदद कर सकता है। डर्मल आईजीएफ (Dermal IGF-I) एक प्रकार का हार्मोन होता है, जो त्वचा और बालों के लिए काम करता है। ऐसे में रास्पबेरी कीटोन (Raspberry Ketone, रास्पबेरी में पाया जाने वाला घटक) फायदेमंद साबित हो सकता है, क्योंकि यह कैप्साइसिन की तरह काम कर न सिर्फ त्वचा की इलास्टिसिटी में सुधार करता है, बल्कि बालों को भी बढ़ाने में मदद कर सकता है (21)।
आगे जानिए कि रास्पबेरी में ऐसे कौन से पौष्टिक तत्व हैं, जो इसे इतना फायदेमंद बनाते हैं।
पोषक तत्व प्रति 100 ग्राम
पानी 85.75 ग्राम
एनर्जी 52 केसीएल
प्रोटीन 1.2 ग्राम
टोटललिपिड (फैट) 0.65 ग्राम
ऐश 0.46 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट 11.94 ग्राम
फाइबर, टोटलडाइटरी 6.5 ग्राम
शुगर 4.42 ग्राम
सुक्रोस 0.2 ग्राम
ग्लूकोज (डेक्सट्रॉस) 1.86 ग्राम
फ्रुक्टोज 2.35 ग्राम
कैल्शियम 25 मिलीग्राम
आयरन 0.69 मिलीग्राम
मैग्नीशियम 22 मिलीग्राम
फास्फोरस 29 मिलीग्राम
पोटैशियम 151 मिलीग्राम
सोडियम 1 मिलीग्राम
जिंक 0.42 मिलीग्राम
कॉपर 0.09 मिलीग्राम
मैंगनीज 0.67 मिलीग्राम
सेलेनियम 0.2 माइक्रोग्राम
विटामिनसी, टोटलएस्कॉर्बिकएसिड 26.2 मिलीग्राम
थायमिन 0.032 मिलीग्राम
राइबोफ्लेविन 0.038 मिलीग्राम
नायसिन 0.598 मिलीग्राम
पैंटोथैनिक एसिड 0.329 मिलीग्राम
विटामिनबी-6 0.055 मिलीग्राम
फोलेट, टोटल 21 माइक्रोग्राम
कोलीन, टोटल 12.3 मिलीग्राम
बैटीन 0.8 मिलीग्राम
विटामिनए, आरएई 2 माइक्रोग्राम
कैरोटीन, बीटा 12 माइक्रोग्राम
कैरोटीन, अल्फा 16 माइक्रोग्राम
विटामिनए, आईयू 33 आईयू
लुटिन + जियाजैंथिन 136 माइक्रोग्राम
विटामिन ई (अल्फा-टोकोफेरोल) 0.87 मिलीग्राम
टोकोफेरोलबीटा 0.06 मिलीग्राम
टोकोफेरोल, गामा 1.42 मिलीग्राम
टोकोफेरोल, डेल्टा 1.04 मिलीग्राम
विटामिनके (फिलोक्यूनोन-phylloquinone) 7.8 माइक्रोग्राम
फैटीएसिड, टोटलसैचुरेटेड 0.019 ग्राम
फैटीएसिड, टोटलमोनोअनसैचुरेटेड 0.064 ग्राम
फैटीएसिड, टोटलपोलीअनसैचुरेटेड 0.375 ग्राम
रास्पबेरी का उपयोग – How to Use Raspberry in Hindi
नीचे जानिए कि रास्पबेरी के फायदे के लिए उसका उपयोग आप कैसे कर सकते हैं (23)।
आप रास्पबेरी का जूस पी सकते हैं।
आप फ्रूट सलाद के साथ भी इसे खा सकते हैं।
रास्पबेरी को केक में या अन्य डिजर्ट में उपयोग करके खा सकते हैं।
आप चाहें तो सीधे रास्पबेरी का सेवन कर सकते हैं।
आप अन्य फलों के साथ स्मूदी के रूप में भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
नोट : अगर आपको फूड एलर्जी है, तो रास्पबेरी का सेवन करने से पहले डॉक्टरी परामर्श जरूर लें।
इस प्रकार, रास्पबेरी कैंसर के लिए सबसे अच्छे प्राकृतिक उपाय के रूप में माना जा सकता है।
Shortcut key:-
1.रास्पबेरी के फायदे वजन कम करने के लिए - Raspberry to Lose Weight in Hindi
2.रास्पबेरी के लाभ करें झुर्रियों का इलाज - Raspberry for Wrinkles in Hindi
3.रास्पबेरी फ्रूट रखें आंखों को स्वस्थ - Raspberry Good for Eyes in Hindi
4.रास्पबेरी के गुण करें कैंसर का इलाज - Raspberry for Cancer in Hindi
5.रास्पबेरी का उपयोग हैं प्रेगनेंसी में लाभकारी - Raspberry in Pregnancy in Hindi
6.रास्पबेरी फल रखें प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत - Raspberry for Immune System in Hindi
7.हृदय स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है रस्पबेरी - Raspberry Good for Heart in Hindi
8.रास्पबेरी फल है डायबिटीज का इलाज - Raspberry for Diabetes in Hindi
9.मेमोरी बढ़ाने में मदद पाएं रास्पबेरी से - Raspberry for Memory in Hindi
10.रास्पबेरी का सेवन रखें पाचन को बेहतर - Raspberries for Digestion in Hindi
11.गठिया रोग की दवा है रास्पबेरी - Raspberries for Arthritis in Hindi
12.रास्पबेरी बेनिफिट्स फॉर हेयर - Raspberry Benefits for Hair in Hindi
13.प्रजनन क्षमता को बढ़ाएं रास्पबेरी से - Raspberry for Fertility in Hindi
7. Black Current
7. Black Current
Black Currant ( ब्लैक करेंट ) – फालसेब ( Phalseb )
Botanical Name ( Scientific Name ) of Black Currant
Ribes nigrum
ब्लैक करेंट एक छोटा काले रंग का गुच्छेदार फल होता है.
स्कॉटलैंड, पोलैंड, और न्यूज़ीलैंड इसके मुख्य उत्पादक देश हैं.
Scotland, Poland, and New Zealand are its main producing countries.
इसका इस्तेमाल जैम, जेली, आइस क्रीम आदि बनाने में किया जाता है.
It is used in making jams, jellies, ice creams etc.
इसमें विटामिन सी, एंटी ऑक्सीडेंट, आयरन के अलावा अन्य कई विटामिन और मिनरल पाए जातें हैं.
What is Black Currant?
Black Currant is a small perennial shrub, a species of the Ribes berry that grows in the central and northern part of Europe. It has a characteristic aroma due to which it can be distinguished from the other currant berries. This shrub is also known for the French “cassis” that it has. The black currant berries are dark purple in color. It is an edible berry, and it grows to a height of about two meters high in the woody branches. It is known as “Munakka” in Hindi.
7. Black Currant Plant
The black currant plant is actually a shrub, which grows to a height of only 1.5 to 2 meters. It grows very nicely in woody branches. It grows well in hilly regions. The plant is well suited in temperate and cool zones that do not have very strong winds. Of the entire plant, the part that can be used is its leaves, seeds and the fruits.Leaves
The leaves of this shrub are arranged in an alternate and simple fashion, it is about 3 to 5 cm broad, and is lobed palmately, and maple like. It has a serrated margin. Itr is primarily a deciduous shrub. The leaves are pale green in color. The number of leaf is reduced in case of extreme water stress. Since the shrub is deciduous, all the leaves are shed in winter.
8. Ganoderma Lucidium
9. Sigru
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